अनमोल प्यार-ममता

मेरे प्रियतम


प्यार यह कैसा विचित्र शब्द है जो प्रिय का चित्र बना देता है ह्रदय पर । विचित्र दुनिया होती है जहाँ यार ही यार दिखलाई देता है । प्यार की दुनिया का प्रारम्भ दो से और अन्त नहीं , अनन्त तक एक ही हो रहता है । यह प्यार है जो यार में ही समा जाता है। प्यार शब्द महान है और प्यार अनन्त है । प्यार की महिमा अनोखी होती है । ईश्वर भी  कहते  है कि प्यार विचित्र शब्द है , ऐसा विचित्र है कि वह प्रिय का चित्र ही अंकित कर देता है । यार सम्मुख है तो प्यार हो गया , और प्यार होते ही यार ही यार दिखलाई देता है । तब ही भक्तों ने भजन में कहा है कि प्रभु जित देखूँ तित तू । जहाँ देखूँ तू ही तू दिखलाई देता है । प्यार की दुनिया विचित्र ही हो जाती है , न्यारी ही हो जाती है । प्यार की दुनिया में बस यार ही यार दिखलाई देता है   कि प्यार की दुनिया का प्रारम्भ दो से और अन्त नहीं , प्यार की दुनिया दो से प्रारम्भ होती है , एक मैं हूँ और दूसरा मेरा प्यारा है ।जैसे भक्त और भगवान दो है लेकिन दोनों एक है और एक होकर अनन्त हो गये है । प्यार की दुनिया का अन्त नहीं , क्योंकि प्यार अमर होता है और प्यार करने वाला मानव भी अमर हो जाता है जैसे की लैला मजनूं  सीरी -फरियाद ।प्यारा  अपने प्यारे में समा ही जाता है । यह प्यार है जो यार  में समा जाता है । प्यार जिसको हो जाता है उसे यार के सिवा कुछ भाता ही नहीं है । प्यार ही जीवन का मूल है , प्यार बदलता नहीं है बल्कि जीवन ही बदल देता है । प्यार ढलता नहीं है उम्र ढलती है , शरीर जर्जरित होता है किन्तु प्यार सदैव ताज़ा ही रहता है । प्यार से ही मीरा समा गई थी अपने गिरधर में प्यार में कोई छोटा बड़ा नहीं होता है । प्यार पवित्र होता है , प्यार जीवन को भव से पार कर देता है यार तेरा हथियार किया है ? कहा प्यार ,प्यार रूपी हथियार से हम सभी को अपना बना सकते है । किसी को भी अपना बनाना है या किसी का बनना है तो प्यार देना है और प्यार लेना है । प्यार अनन्त है वह अनन्त बना देता है जीवन को । प्यार से ही जीवन में निखार आता है , प्यार ही परमात्मा है । प्यार ही वह धन है जो पाता है वह इठलाता है और अपने यार में समा जाता है । प्यार की भूख जिसे हो जाती है वह केवल प्यार ही प्यार का प्रसाद पाता है ।  हमारे अन्तर का प्यार कहता है  देखो  यार तेरे सम्मुख है तू प्यार कर  कहा भी गया  है कि प्यार किया नहीं जाता है जब हो जाता है तो जाता नहीं बस समा ही जाता है अपने यार में । प्यार की दुनिया विचित्र है ।यार हमें अनोखी दुनिया में ले चलते है और हमारे जीवन को अनन्त ही बना देते है । मीरा  के ह्रदय में केवल कृष्ण का ही चित्र रहता था क्योंकि कृष्ण से उसे प्यार था । उसी प्रकार भक्त के ह्रदय पटल पर भगवान ही भगवान रहता है । अब प्यार ने हमे अनन्त ही बना दिया , अमर बना दिया । प्यार से ही यार में समा जाता है प्यार करने वाला । आज प्यार का दिवस है  लोग कहते है लेकिन मै नही मानती इसी दिन को ।प्यार किसी भी दिन का मोहताज नही होता है वो तो हर दिन सरताज बना रहता है बस प्यार ही प्यार रहे जीवन में यही सादगी है ।
जिसे अपना प्यार मील जाता है वो खूशकिस्मत होता है जिसे नही मिलता है वो भी तो ताउम्र कहाँ भूल पाता है ?यदि सच्चा प्यार किया है तो ।मुझे उस के प्यार की बहुत याद आती है जिसके नसीब में मै होती ।उसने बहुत सारी बातो का खुलासा किया जब मैं अनंत बन गयी थी ।आज उसके प्यार को याद करती हूँ तो मुझे दर्द होता है ।ईश्वर करे सबको सबका प्यार मीले किसी को भी बिछुड़ना न पड़े ।मुझे मेरा प्यार मिला तब ही मुझे ज्ञान हुआ और उसके प्यार की तह तक जा पायी ।आज मै पोती पोता वाली हो गयी ।मेरी पांच वर्षीय पोती को मै बहुत प्यार करती हूँ और इस प्यार के आगे सारे फीके है ।प्यार बहुत तरीके के होते है सबको मोल अनमोल है कितना बखान करूं ।इसका कोई अंत नही है ।प्यार से हम हर एक की जीत सकते है बस करो तो दिल से करो न कि दिमाग से । 
*****ममता गिनोड़िया 'मुग्धा'



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