होली विशेष - 13
घर में होली का माहोल मा के दिल में बेटी के आने का इंतजार जया पहली होली पर घर जो आ रही है घर में खुशी का माहोल छाया हुआ तभी दरवाजे पर जया की आवाज आती है रीमा दोड कर बहन के गले लग जाती है | मा जया को देखकर विभोर हो जाती है तभी उनकी नजर साथ आये दामाद जी पर पढती है मा का दिल खुश हो गया की ससुराल अच्छी है मा की नजरे जया को देख रही जया ने मा का हाथ पकडा ओर अन्दर चली दी,मा सब लोग बहुत अच्छे है य़े कहकर अपने पति के साथ कमरे में चली दी lघर के सभी लोग होली पूजा की तेयारी में लगे होली पूजा के बाद हुडदंग होता ही है जया को पिछले साल की होली याद आ गई होली का मजा तो रात को ही आयेगा रीमा बहुत खुश थी की उसके जीजा जी आये है वो उनके साथ होली का मजा लेगी वो सोच ही रही थी की दीदी ने कांधे पर हाथ रखते हुये कहा की रीमा तेरे जीजा को होली का हुडदंग ज्यादा पसंद नहीं है ओर न ही ह्ल्ला गुल्ला ,यह कहकर कमरे में चली गई l
जया पति को बताने लगी यहा होली बहुत जोरदार खेली जाती है पर आप बिलकुल चिंता मत करो आपको कोई हैरान नहीं करेगा य़े कहते हुये काम में लग गई lचेतन मन ही मन सोचने लगा कि य़े केसी सीमा रेखा में बांध रही है में इतनी दूर से घर के कोने में बेठने थोड़ें ही आया हूँ पर कुछ कह न सका l होली जली ओर गुलाल का खेल जोर शोर से शुरु हुआ सभी लोग जया ओर चेतन को गुलाल लगाने लगे सभी लोग बारी बारी से आए जया बार बार सभी से एक ही बात कह रही कि उनको ज्यादा शोर गुल पसंद नहीं ,पर रीमा का दिल तो जीजा से होली खेलने का बना हुआ है।
रात भर सुबह का इंतजार सुबह होते ही रीमा ओर घर के लोग अपने अपने साथियो के साथ होली खेलने लगे पर रीमा जेसे ही रंग लेकर जीजा के कमरे के ओर आती तभी जया उसे य़े कह कर कि जीजा को पसंद नहीं है एेसा कई बार हुआ lअब तो चेतन कि धर्य सीमा भी टूटने लगी उसको भी गुस्सा आने लगा कि जब होली खेलना ही नहीं था तो मुझे यहा लाई क्यू ? वह कमरे से ही आवाज दे कर बोला रीमा में यहा हूँ होली खेलने ही इतनी दूर से आया हूँ न कि कमरे में बैठने ? य़ार तुमने तो हद कर दी मेरा भी मन सब के साथ होली खेलने का पर तुम तो धुये की लकीर खीच रही हो य़ार
कामिनी गोलवलकर
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