बनाता वह-डा.ललित

प्रेम फरवरी


गुलाब भेजता कोई


अगर गुलाब भेजता कोई
तो चुन लेता वो पँखुड़ियाँ
जो अपनी ताज़गी से ही
अपने होने का अहसास 
कराती रहती और ख़ुशबू
से उनका भेजा फरमान।


अगर गुलाब भेजता कोई
तो चुन-चुनकर पँखुड़ियाँ
प्यार की मीठी चाशनी में
बनाता वह उम्दा गुलकन्द
जो देता शीतलता और सदा
ही जिलाता मेरा तन-मन।


#डा ललित फरक्या "पार्थ"


 



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