होली आई रे -अनुभा

होली विशेष -32

आई होली आई होली रे
सारे भेद भाव मिटाने आई 
ये रंगों की मनभावन होली रे....


होली ने भक्त प्रह्लाद की याद दिलाई
चौक चौराहे सब टीले सजाई
होलिका दहन सब मन से मानते
धूल से पहले धुरखेल हैं खेलते
सब मिल कर हुड़दंग मचाते
ढोल मंजीरे पे गाते सब...जोगीरा सा रा रा रा


होली का पर्व हैं बड़ा रंगीला
तन और मन हैं भींगा भींगा
आपस की रंजिश भुला कर
एक दूसरे के तन मन को भिंगाकार
लाल,गुलाबी,पिले रंग में
गले मिलके सब यही है कहते.. बुरा न मानो होली हैं


चली पिचकारी उडी गुलाल
आओ मिलकर सब करे धमाल
खाये पुआ,पी कर भांग
खेले होली मिलकर संग
निकल पड़ी हैं गाँवो की टोली
बुरा ना मानो ये कहते बोली..जोगीरा सा रा रा रा


आई होली आई होली रे
सरे भेद भाव मिटाने आई
ये रंगो की मनभावन होली रे

अनुभा वर्मा,पटना 



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