होली विशेष
देखो देखो होली आई
खुशियों की सौगात लाई
कोई कहे क्या पहनूँ
कोई कहे क्या खाऊँ
और कोई कहे क्या -क्या पियूँ
नये नये जब कपड़े पहनकर लगे
मनाने होली का त्योहार
जैसे कितना बड़ा मिला है ये उपहार
रंगो का ये त्योहार
अबीर- गुलाल से मस्तक हुआ रंगमय
चारो ओर सब हुये मधु और धूलमय
पूआ पूरी बाड़ा कढी खाकर लगता
कितना सुख मय हुआ ये जीवन
बुराई पर अच्छाई का है ये पर्व
इस पर्व पर हमलोग करते हैं गर्व
कभी न लड़ो कभी न लड़वाओ किसी से किसी को ।
गौरवान्वित करो जितना हो सके इस पर्व को।।
मंगल मय हो सबका पूरी हो सबकी कामना
घर घर में खुशियों के मंगल गीत गूंजे
होली आई होली आई सबके लव से ये गीत हो उठे ।।
नूतन सिन्हा
पटना बिहार।।
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