होली विशेष - 37
होली के दिन सभी मित्र होली मिलन के लिए रमेश के घर गए। मित्रों ने सबसे पहले बुजुर्गों के चरणों में गुलाल लगाकर बड़ों का आशीर्वाद लेकर होली का प्रारंभ किया। अब मित्रों ने आपस में गुलाल लगाकर एक दूसरे को गले लगाया इतने में मां होली का स्वादिष्ट पकवान लाइ, क्या बात है हम लोग त्योहारों का इंतजार करते हैं, पकवान के लिए। बात करते-करते रमेश के मित्र की निगाह सामने वाले बालकनी में पड़ी, वहां सुंदर लड़की खड़ी थी। सभी मित्र रमेश से शर्त लगाते हैं की यदि तुमने उस लड़की को होली खिला दी तो आज तेरे जन्मदिन की पार्टी हमारी तरफ से।
रमेश बोलता है, "अरे क्या बात कर रहे हो तुम लोग, मोहल्ले में किसी से बात नहीं करती वह और गुस्से वाली लड़की है।
मित्रों ने रमेश को उकसाया कि तू कुछ नहीं कर सकता। रमेश दौड़ता हुआ गया, रमेश की धड़कने तेज थी डर लग रहा था।
वहीं दूसरी तरफ खड़े मित्र मजे ले रहे थे कि आज खाएगा प्रसाद और मन जाएगा जन्मदिन रमेश दौड़ता हुआ उसकी सीढ़ियों पर चढ़ा, लड़की को कंधे पर बिठाया और दौड़ता हुआ जाकर रंगीन पानी में डुबकी लगाकर बाहर निकाल दिया । रमेश भी उसके सामने डर रहा था की अब यह लड़की पूरे मोहल्ले के सामने इज्जत निकालेगी, लड़की आगे बढ़ते ही मुड़कर देखती है और मुस्कुराकर शर्मा कर भाग जाती है। यह देख कर सभी दोस्तों की आंखें फटी की फटी ही रह गई। तो फिर क्या था, फिर हुई जमकर पार्टी।
हिमानी भट्ट
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