जीवन दायिनी-माधुरी पौराणिक


रचनाकार संख्‍या -89

नमामि गंगे,नमामि गंगे     

हर गंगे हर गंगे 

जीवन दायिनी नमामि गंगे

भागिरथी लाये धरा पे गंगे

अविरल बहती नमामि गंगे

शिव  जटा में समाई  धारावी गंगे

हर हर कहलाई तब हर हर गंगे

सदियोसे सबके पाप।मिटाती आई

हम भी एक संकल्प करे

न प्रहाव करे कचरा  गंगे में

स्वच्छ निर्मल  शीतल रखे

गंगा हमारी जीवन दायिनी

माधुरी पौराणिक

झांसी, उत्तर प्रदेश

 



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