प्रेम फरवरी
नजर से नजर जब मिल ही गयी, फिर
नजर को झुकाने से क्या फायदा ?
दिल की धड़कन से धड़कन मिल ही गयी
फिर नजर को चुराने से क्या फायदा ?
मैं अकेला ही वर्षों यूं चलता रहा
कोई साथी नहीं तो मुझको मिला।
तुमको देखा तो राहत दिल को मिली
मानो प्यासे को थोड़ा पानी मिला।
मेरे दिल के करीब जब आ ही गयी ,
फिर दूर चले जाने से क्या फायदा ?
अधर-पुष्प जब तेरा खिल ना सका
छोड़कर मुझको जाने से क्या फ़ायदा?।
मैंने प्यार किया कोई गुनाह नहीं
तेरे दिल में कोई परवाह नहीं ।
मन- मधुवन में पतझड़ सदा ही रहा
दिल का गुलशन वीरान सदा ही रहा ।।
जब कोकिल बगिया में कूक ना सकी
फिर गीत गुनगुनाने से क्या फायदा ?
तेरे आने की आहट मिल ना सकी
फिर महफिल सजाने से क्या फायदा ?
डॉ.प्रतिभा कुमारी'पराशर'
हाजीपुर बिहार
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