मेरी रवि

पाती प्रेम की संख्‍या - 03


मेरे रवि,
    ‌    आज भी मैंने तुम्हारा वह पहला प्रेम पत्र संभाल कर रखा है अपने पास जो तुमने मुझे 12वीं क्लास में दिया था मुझे याद है जब मैं 11वीं में एडमिशन लेने गई थी मेरे साइड के रो मैं तुम भी खड़े थे तब हमने एक दूसरे को पहली बार देखा था तुमने साइंस में और मैंने कॉमर्स में एडमिशन लिया था बाद में आते जाते हम एक दूसरे को देखा करते थे और हल्की सी मुस्कान आ ही जाती थी चेहरे पर उस साल ना तुम कुछ कह पाए और ना मैं फिर मुझे याद है हमारा 12वीं का साल था उस दिन 14 फरवरी थी उस समय ज्यादा वैलेंटाइन डे को नहीं जानते थे या कह लो ज्यादा नहीं मानते थे तुमने मुझे एक लिफाफा मेरी सहेली के हाथों दिया था जिसमें पहले मेरा नाम 11 बार लिखकर और अपने प्यार का इजहार एक गुलाब रख कर भेजा था और तुमने यह भी लिखा था मैं तुम्हारा साथ जीवन भर के लिए चाहता हूं मैं तुम्हें बड़े प्यार से रखने की कोशिश करूंगा और चाहूंगा हम एक दूसरे पर पूरा विश्वास करें बाकी तुम्हारी मर्जी तुम हां कहोगी तो भी नहीं कहोगी तो भी मुझे तुम्हारा फैसला स्वीकार है मैं भी तो मन ही मन तुम्हें पसंद करती थी तो ना कैसे बोलती फिर हमने अपनी पढ़ाई पूरी की और हमारे घर वालों के साथ से हमारी प्रेम कहानी शादी में बदल गई आज हमारी शादी को 20 साल हो गए हैं पर तुमने अपना वादा पूरी ईमानदारी से निभाया है और मुझे बड़े प्यार से रखा और हमारा एक दूसरे पर पूरा भरोसा यह हमारे रिश्ते की मजबूत कड़ी बनी हुई है ऐसे ही प्यार से बंधा रहे हमारा रिश्ता।
                                                                                                                                 तुम्हारी कंचन



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