रचनाकार संख्या -95 मिशन गंगा।
पत्थरों से भरे
रास्ते भी
जब पतित पावनी
मां गंगा की
लहरों की चपेट में
आते हैं
तब वह उस निर्मल
जल के साथ
अपने ऊपर की
एक परत
अवश्य ही
परोपकार के लिए
उस जल में प्रवाहित
कर देते हैं
जो रजकण कहलाते हैं
पत्थर भी जिस... निर्मल जल से
पिघल जाता है..
हे मानव !
तू अपने आपको
बारम्बार डुबोता है
गंगा के पावन जल में
फिर भी...
आडम्बरो की एक परत
उतार नहीं पा रहा..
मनुष्य हो..
तुम भी कुछ सीख लो
खुद के कुछ पल
इस नदी की धारा की तरह
बहने दो..
जीवन - पर्यन्त
परोपकार के लिए।।
##सीमाचौहान##
05 अप्रैल 2020 को महिला उत्थान दिवस पर आयोजित
कवयित्री सम्मेलन, फैंशन शो व सम्मान समारोह में आपको
सादर आमंत्रित करते हैं।
शार्ट फिल्म व माडलिंग के इच्छुक सम्पर्क करें 7068990410
0 टिप्पणियाँ