पिता गए परदेस- कंचन

होली विशेष


'फागुन'
फागुन आयो रे
होली के रंग संग लायो रे
लाल पीला हरा गुलाबी
इंद्र धनुष से, सारे रंग चुरायो रे 
जिस के पिता गए परदेस
उस बिरहन  का मन भटकायो  रे
फागुन आयो रे 
होली के रंग संग लायौ रे ।
नई नवेली दुल्हन इतराएं रे
पिया संग खूब रंग जमायो  रे
इस कंचन काया पर
खूब मल-मल रंग लगायो रे
गोरी की जब देखी भीगी चोली,
बुड्ढे पर भी आईं जवानी ।
फागुन आयो रे
होली के रंग संग लायो रे ।
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कंचन जयस्वाल


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