होली विशेष -35
पिया संग होली में खेलूंगी
इतने बरस की कसक अधूरी
अब के बरस पूरी कर लूंगी,
तुम कान्हा बन जाना पिया
मैं राधा बन जाऊंगी,
ओढ़ चुनरिया सातों रंग की
प्यार का रंग लुटाऊंगी
इंद्रधनुष के सातों रंग पिया
अपने जीवन में भर लूंगी,
भर पिचकारी प्यार के रंग से
सराबोर हो लूंगी
बैर भाव जितने हैं सारे
मन के सारे मेल हमारे,
अबकी होली हवन करूंगी
एक रंग बस तेरे प्यार का
जीवन में भर लूंगी।
पिया संग होली में खेलूंगी
इतने बरस की कसक अधूरी ,
अब के बरस पूरी कर लूंगी
पिया संग होली में खेलूंगी।
नीता चतुर्वेदी।
विदिशा मध्यप्रदेश
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