प्रेम-मनीषा

प्रेम फरवरी


प्रेम दिवस
इश्क़ की चाहत तुझसे ही है। 
ख्वाबों की उड़ान तुझसे ही है। 


दिल ये रहता नहीं मेरे पास। 
सपने बुनता है तेरे आसपास। 


तेरी अदायें, तेरा इठलाना
 ख्यालों में तेरा आना जाना। 


वो जरा सी बात पर नाराजगी।
तेरे एहसासों में वो फूलों सी ताजगी।


एक ही ख्वाहिश हर जनम बस तू ही तू मिले।
मेरे जीवन की राहों में सदा फूल खुशियों के खिलें।



मनीषा जोशी 
खोपोली, रायगढ़ ,महाराष्ट्र


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