होली विशेष - 15
प्रेम का निशान हमारी, पावन होली है।
भाईचारे की बोलती ,जबान होली है।।
रंगों की शीतल फुहार, है यह होली।
हर दिल में घुला , गुलाल होली है।।
प्यार का बढ़ता ,ये कारवां होली है।
गिरा दे जो दीवार घृणा की ,वो होली है।।
होली तो है दिलों से दिलों, का मिलाप।
कैसे मिटें दूरियाँ जवाब, इसका होली है।।
गुज़िया, भंग, तरंग नाम, इसका होली है।
रंगा रंग रंगों का ,जमी आसमाँ होली है।।
होली है हर फूल पत्ते का, खिलता निखार।
बीत गई सदियां अब तक, जवान होली है।।
एस के कपूर "श्री हंस"
*पता।।।। 06 पुष्कर एन्क्लेव,
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