साहित्‍य सितारें में - कल्‍लू मामा

साहित्‍य सितारें - 3  
टाईफैक,विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग,भारत सरकार  में हिंदी परामर्शदाता और देश के जाने माने व्यंग्यकार और आलोचक , दुबली काया के स्‍वामी को अगर कभी आप फोन करते करते परेशान हो जायें और फोन न उठे तो आप यह न समझें कि वह आपसे बात करना नहीं चाहते। आप इस बात को स्‍वीकार कर लें कि उनका फोन या आफिस या घर में छूट  गया है। पहुँचते ही वह आपसे बात करेंगें। 
हिंदी  व्‍यंग्‍य  विधा के इतिहास पर   500 से भी अधिक पृष्‍ठों की पुस्‍तक हिंदी व्‍यंग्‍य  का इतिहास' लिख इतिहास बनाने वाले, अनेको सम्‍मान से सम्‍मानित सुभाष चंदर से मिलने के बाद आपको यकीन नहीं होगा कि इतना विख्‍यात व्‍यक्ति इस कदर सामान्य व्यक्ति की तरह  रहता है, इस कदर सबसे मिलता है जैसे अभी अभी साहित्‍य की दुनिया में कदम रखा हो। मंचों पर बोलते समय चेहरे और शरीर का हाव भाव इस कदर विषय पर हावी हो जाता है कि यदि कोई दूर से देख ले तो वह विषय वस्‍तु को समझ जायेगा कि सुभाषंचदर नामक यह व्‍यक्ति क्‍या बोल रहा है। वह व्यंग्य ही नहीं साहित्य के लगभग हर विषय पर बेहद प्रभावपूर्ण ढंग से बोलते हैं।    भारत ही नहीं विश्‍व के मानस पटल पर अपने व्‍यंग्‍य लेखन का प्रभाव छोड़ने वाले सुभाष चंदर व्‍यंग्‍य और कहानियों में आने  वाली पीढ़ी से बहुत चिंतिंत रहते हैं। उन्‍हें डर  है कि आज नई पीढ़ी में अनेक लोग जिस प्रकार पाठन छोड़ कर अधकचरे ज्ञान पर लेखन का कार्य कर रहे हैं। वह आने वाले इतिहास में हिंदी साहित्‍य की  विधाओंं को कहीं नुकसान न पहुंचाएं। ऐसी ही प्रतिभा के धनी सुभाष चंदर से साहित्‍य सरोज पत्रिका के ,'सितारे साहित्‍य के' तहत मिलिए और जानिये सुभाष चंदर के साहित्‍यिक सफर को
      
नाम -        सुभाष चंदर
जन्म तिथि- 27-01-1959
माता- स्व.ओमवती शर्मा (माता)
पिता - स्व.सत्य प्रकाश शर्मा (पिता)
पत्‍नी - श्रीमती छाया शर्मा
मूल निवास - गाज़ियाबाद उत्‍तर प्रदेश
विवाह - 01.08.2.1989
 साहित्य लेखन - 1973 में पहली रचना (12 साल की उम्र में)


अनुभव-एनआईडीसी,में प्रबंधक हिन्दी पद से 2002 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ।
संप्रति -टाईफैक,विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग,भारत सरकार  में हिंदी परामर्शदाता
प्रकाशन-  व्यंग्य की 17 पुस्तकों सहित कुल 47  पुस्तकों का लेखन
चर्चित कृति    -    हिन्दी  व्यंग्य का  इतिहास 
व्यंग्य कृतियाँ -      अक्कड़-बक्कड़ (व्यंग्य उपन्यास ),इंसानियत का शो , कल्लू मामा जिंदाबाद ,आइये स्वर्ग चलते हैं ,थोड़ा हंस ले यार ,हद कर दी आपने,बेबी किलर, बजरंगी लल्ला की  बरात ,श्रेष्ठ हास्य व्यंग्य –सुभाष चंदर (नेशनल बुक ट्रस्ट)चुनिंदा व्यंग्य -सुभाष चंदर,मेरी व्यंग्य कथाएं,गौरतलब व्यंग्य आदि


संपादन -बीसवीं सदी की चर्चित व्यंग्य रचनाएं, बीसवीं सदी की हास्य रचनाएं
पुरस्कार /सम्मान  -   इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय पुरस्कार ,भारत सरकार, डाक्टर मेघनाथ साहा पुरस्कार ,भारत सरकार,व्यंग्य श्री सम्मान (2016) शरद जोशी सम्मान(2015 )उ.प्र .सरकार ,अट्टहास सम्मान (2008) ,  हरिशंकर परसाई सम्मान,साहित्यगन्धा सम्मान,लखनऊ,सृजन सम्मान,रायपुर, सृजनकुंज सम्मान,श्रीगंगानगर आदि


अन्य : मीडिया लेखन -  टी  वी / रेडियो के लिए 100 से ऊपर धारावाहिकों का लेखन,
कादम्बिनी,इडिया टुडे ,नवभारत टाइम्स ,हँस ,वर्तमान साहित्य ,हिंदुस्तान, आउटलुक, चौथी दुनिया आदि में  लेखन, विश्वविद्यालयों /संस्थानों आदि में वक्तव्य,कुछ विश्वविद्यालयों से कृतित्व पर शोध भी
केंद्रीय हिंदी निदेशालय,राजभाषा अकादमी आदि संस्थाओं की मूल्यांकन समितियों की सदस्यता


संपर्क   -   जी 186 ए,एच आई जी ,प्रताप  विहार ,गाज़ियाबाद -201009 मोबाइल                           09311660057(व्हाट्सएप)


 




 


 


 


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