होली विशेष
भरि भरि के पिचकारी हो सखियाँ, भरि -भरि के पिचकारी।
होली खेलें कृष्ण मुरारी ....2
व्रजवासी सब नर अरु नारी ...2
संग में राधा प्यारी , हाँ संग में राधा प्यारी हो सखियाँ भरि - भरि के पिचकारी
भरि -भरि के पिचकारी ........2.......3
मृदंग थाप पर गायें मोहन
सुदामा गायें ग्वाल-बाल संग
संग -संग ग्वालिन सारी। हाँ संग-संग ग्वालिन सारा हो सखियाँ भरि -भरि के पिचकारी
भरि -भरि के पिचकारी ......2......3
सखियन के संग राधा नाचै
ग्वाल -बाल संग कान्हा नाचै
बंशी की धुन न्यारी।हाँ बंशी की धुन न्यारी हो सखियाँ भरि -भरि के पिचकारी
भरि भरि के पिचकारी ....2......3
डाॅ. उषा कनक पाठक
मिर्जापुर
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