प्रेम फरवरी
यदि उर मे तुम वास न करती
गीत भला मैं कब लिख पाता?
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भाव तुम्हीं से इस अंतस में
इन प्राणों को तुम भाती हो।
प्रिये सृजन की तुम हो प्रेरक
अक्षर अक्षर लिखवाती हो।
यदि पग-पग तुम साथ न देती
मीत भला मैं कब लिख पाता?
प्रकृति तुम्हीं हो सृष्टि तुम्ही हो
तुमसे ही हैं चाॅद सितारे !
तुम्हीं हों कलियां फूल तुम्ही हो
तुमसे ही गुलजार नजारे !
यदि ना खुलते अधर पृष्ठ तो
प्रीत भला मैं कब लिख पाता ?
तुमसे जग की खुशियां सारी
तुमसे ही तो महके चंदन !
तुमसे छाया में शीतलता
तुमसे ही ये झूमे सावन !
यदि न हारते नयन तुम्हारे
जीत भला मैं कब लिख पाता ?
---- चन्द्रगत भारती
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आगामी 15 फरवरी से 28 फरवरी लेख कविता कहानी का विषय -होली
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