अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष
मैं अबला और नादान नहीं
मैं दबी हुयी पहचान नहीं
मैं शक्ति हूँ, मैं ही भक्ति हूँ
मैं ईश्वर की अभिव्यक्ति हूँ
मैं नारी आदिशक्ति हूँ ।
मैं इस भारत की नारी हूँ
रखती अंदर ख़ुद्दारी हूँ
जीवन में अमृत प्रेम लिये
अपने भुजबल से जीती हूँ
मैं नारी आदिशक्ति हूँ ।
मैं स्वाभिमान से जीती हूँ
अपने पथ से नहीं डिगती हूँ
नव जीवन को पोषित करके
सृष्टि को पल्लवित करती हूँ
मैं नारी आदिशक्ति हूँ।
संस्कारों का बीज पल्लवित कर
मुट्ठी में बाँधे रखती हूँ
निज गौरव का सम्मान लिये
हर–हाल में रक्षा करती हूँ
मैं नारी आदिशक्ति हूँ।
मैं पर्वतराज हिमालय से
दक्षिण में कन्याकुमारी हूँ
मैं सुदूर देश में पुल बना
अद्भुत-सा द्वीप जलाती हूँ
मैं नारी आदिशक्ति हूँ।
मैं माता-बहन और पुत्री हूँ
मैं लेखक और कवयित्री हूँ
मैं बिजनेस और व्यापार लिये
इतिहास अनोखा रचती हूँ
मैं नारी आदिशक्ति हूँ।
इस युग के नर से मैं नारी
अब कदम मिलाके चलती हूँ
मैं मधुर भाव संदेश लिये
शांति का पाठ पढ़ाती हूँ
मैं नारी आदिशक्ति हूँ!!
रमेश चन्द सैनी
कोटा राजस्थान
05 अप्रैल 2020 को महिला उत्थान दिवस पर आयोजित
कवयित्री सम्मेलन, फैंशन शो व सम्मान समारोह में आपको
सादर आमंत्रित करते हैं।
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