अलबेली हो-रश्मि

होली विशेष


ऋतु आई वासन्ती देखो
मदमाती अलबेली हो
रंग भरी पिचकारी लेकर
लगती बड़ी रसीली  हो।


नैन कटार मीठे है बोल
छीन लिए दिल अनमोल।
चैन करार गया रे अपना
नैन निसदिन  देखें  सपना 
 आओ अंगन ,हवेली हो
बनो  काहे पहेली हो।
रंग भरी पिचकारी लेकर
लगती बड़ी रसीली हो


साजों में हो तुम ख्वाबों में
बसती हो इन साँसों में।
फूलों में हवाओं में बसी
बसी धूप  मे छावों में।
जुल्फों की छाया घनेरी हो
भोली छैल छबीली हो।
रंग भरी पिचकारी लेकर
लगती बड़ी रसीली हो।


ऋतु आई वासन्ती देखो
मदमाती अलबेली हो


रश्मि लता मिश्रा
बिलासपुर।


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