एकादश रूद्र महादेव मंदिर-स्‍नेहा

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एकादश रूद्र महादेव मंदिर


बिहार  में मधुबनी से मात्र 3 किलोमीटर दूर है मंगरौनी गांव।  प्रकृति  की  अनुपम  छटा  बिखेरता  हुआ  ये  छोटा  सा  गाँव  असीम  शांति  का  केंद्र  है। तिरहुत के आखिरी महाराजा डा कामेश्‍वर सिंह का ससुराल व महरानी अधिरानी कामेश्‍वरी प्रिया का मायके। इसी गांव में विश्व के एकमात्र अद्भुत श्रीश्री ११०८ एकादश रूद्र महादेव का मंदिर है। यहाँ तांत्रिक विधि से शिव के ग्यारहों लिंग को स्थापित किया गया हैI महादेव ,शिव: ,रुद्रः ,शंकर, नीललोहितः, ईशानः, विजयः, भीमः, देवदेवः, भवोद्भवः, कपालिश्चः रूप में विद्यमान हैं। काले ग्रेनाईट पत्थर के इन शिवलिंगो  का सोमवार को दूध, दही, घी, मधु, पंचामृत, चन्दन आदि से स्नान एवं श्रृंगार किया जाता है। साथ ही भंडारा (महाप्रसाद) का आयोजन होता है। यहां भगवान शिव के मंत्र "ॐ नमः शिवाय ॐ एकादश रुद्राय " का जाप किया जाता है। यहां पर 101 बार और 1001 बार मंत्र के जाप का फल मिलता है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण प्रसिद्ध तांत्रिक मुनीश्वर झा ने सन 1953 में कराया, लेकिन शिवलिंग की स्‍थापना कब और किसने की इसकी जानकारी नहीं है। इस गांव को खंडवाला राजवंश में उसी प्रकार देखा जाता है, जैसे रामायण में मिथिला को।  बहुत  ही  मनोरम  और  शांत  स्थान , जहाँ  हर  कोई  बार - बार  आना  चाहेगा।


स्‍नेहा किरण
रानीगंज अररिया , बिहार


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