अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रस्तुति
नारी तुम अब सशक्त बनो अब तो अपना सब रूप धरो तुम
अबला ना कहलाओ तुम बनकर सशक्त सबको दिखलाओ तुम
पग पग तुम पर उठ रही उंगलियां उनको खुद तोड़ कर लाओ
नहीं अब यह सहना है नहीं कभी कहीं घुट घुट कर अब जीना है
चंडी दुर्गा बन जाना है शोषण करने वालों को जवाब अब देना है
औकात उनकी दिखलाना है कोमल काया,हृदय भूल जाना है
मानवता भूल बैठे हैं जो वात्सल्य, स्नेह, संस्कार याद दिलाओ
क्या होती है बहन,बेटी की इज्जत आज उनको सिखलाओ
उन्हें अब सबक सिखाना होगा तुम्हें ही आगे आना होगा
युग बदला है चलो हम भी बदले,संस्कृति अपनी हम बचा लें
नारी को कुचल रहे जो हां नींद में रह रहे जो
भूल चुके हैं यह सब बातें आओ उन्हें याद दिलाएं
शोषण, गरीबी ,बेरोजगारी नहीं अब मानवता पर चोट हो रही है
इज्जत नारी की क्यों बार-बार है लूटी जा रही है
अब तो जागो अंगार बनो तुम हर वह अवतार धरो तुम
नारी सशक्त थी और है और सशक्त अब बनकर दिखलाओ तुम
निक्की शर्मा रश्मि
मुंबई
05 अप्रैल 2020 को महिला उत्थान दिवस पर आयोजित
कवयित्री सम्मेलन, फैंशन शो व सम्मान समारोह में आपको
सादर आमंत्रित करते हैं।
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