गुड़ी पड़वा-आशा जाकड़

 गुड़ी पड़वा नव वर्ष पर सभी .


 


 इस बार की गुड़ी पड़वा नव वर्ष
 सचमुच होगा हमारा अनोखा वर्ष।

 दुर्गामाँ की करेंगे .हम घट स्थापना
नौ दिन करेंगे जप- तप -आराधना।
            
प्रेम के धागों से गोटा सितारे लगाएं  
हाथ की बनी चुनरी मां को पहनाए।

नारियल नहीं तो सुपारी  ही रखलेंगे
पर मैया श्रद्धा भाव में कमी न करेंगे।
                          
भोग लगाएंगे और प्रसाद चढ़ाएंगे
घर में ही सबको प्रेम से खिलाएगे।

नौ दिन खूब मैया के भजन गाएँगे
ढोलक नहीं तो  ताली ही बजाएँगे।

अपने ही .घर को मन्दिर  बनाएंगे
 सुबह- शाम शान्ति का पाठ करेंगे

माँ के सम्मुख  हम  हवनयज्ञ करेंगे 
सारी आपदाओं को हम भस्म करेंगे।

नीम की पत्तियाँ खाते थे मिश्री संग 
अब तुलसी की पत्तियाँ ही गटकलेंगे।

नव वर्ष  परिवार संग  प्रेम से मनाएँ
घर से जाने की होशियारी न दिखाएँ।
 जय नवरात्रि के लिए


आशा जाकड़


 



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