इंद्रधनुषी रंगों की मुस्कान-कुमुद

 


छटा निराली रंगों की और खिलती अधरों पे है मुस्कान। 33
रंग - बिरंगी पिचकारी  ले , वंशी  ने  छेड़ी  है  मधु तान


फागुन आया , फागुन आया ,अब कोयल भी कुहुक उठी 30
ज्यों  देखे  आम  के  मंज़र  ,  प्रेमी   हृदय  में  हूक  उठी
शलभ  आया   मधुशाला   ओढ़े  ,  वर्तिकाएँ  जाग  गयीं
अलसायी  शबनम  के  दिल  में  नई  शिराएँ  आग   हुईं
हर  फूल  ने  ली अंगड़ाई , वसंत  की  ऐसी  है  पहचान
छटा निराली रंगों की और खिलती अधरों  पे है मुस्कान
रंग - बिरंगी  ले  पिचकारी , मुरली  ने छेड़ी  है मधु तान


अधरों  पे  चंचल है मुस्कान और  मोहक  मधुर  गुलाल
सहेलियों   के   दिल   में  जैसे  नहीं  रहा  कोई  मलाल
इंद्रधनुषी  रंगों  की  बारिश  औ  तन - मन  का भीगना
दोस्ती की  पिचकारी में  ललिता - लतिका हो गई लाल
प्रकृति की सुंदर चित्रकारी में बनी हरियाली है रसखान
छटा निराली रंगों की और खिलती अधरों पे है मुस्कान
रंग - बिरंगी  ले पिचकारी , मुरली  ने  छेड़ी है मधु तान


सखियों इन गलबहियों में आओ नभ को सीमित कर लें
इन तारों की झिलमिल को नयनों  में  प्रतिद्वंद्वित कर लें
जीवन  की  राहों   में   कितने   स्वप्नों   की  हुई  कुर्बानी
अप्रत्याशित   रंगों   में  डूब  यादों  को  तरंगित  कर  लें
जीवन  के  रेले  औ  मेले  में  याद  ही  बनती है निदान
छटा निराली रंगों की और  खिलती अधरों पे है मुस्कान
रंग - बिरंगी  ले  पिचकारी , मुरली  ने  छेड़ी है मधु तान
डॉ कुमुद बाला
हैदराबाद
8886220212



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