नारी के सम्मान में, आज हुआ है न्याय ।
वे चारो फाँसी चढ़े ,करते थे अन्याय ।।
धन्य है न्यायपालिका , किया सही इंसाफ ।
पापियों को भगवन भी , नहीं करेंगे माफ ।।
निर्णय सुनकर देश का , खुशियाँ मिली अपार ।
बेटी को सुकून मिला ,न्याय किया करतार ।।
माँ का दिल हर्षित हुआ , दीं सबको आभार ।
दोषियों को सजा मिली , जो थे पापी चार ।।
श्रेष्ठ है न्यायपालिका, करना तुम विश्वास ।
सत्य सदा ही जीतता , बनी रहे यह आस ।।
अपराध न कोई करे ,बेटी सबके संग ।
देता यह संदेश है , करो कभी ना तंग ।।
डॉ.प्रतिभा कुमारी'पराशर'
हाजीपुर बिहार
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