अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष
💞 मैं नारी हूँ💞
गुरुर है मुझे , कि मैं नारी हूँ !!!
रचना हूँ मैं ईश्वर की अद्भुत
इसीलिए ईश्वर की आभारी हूँ !!!
गुरुर है मुझे कि मैं नारी हूँ.....
कामिनी बन जाऊ तो ,
काम पर मैं भारी हूँ !!!
मोहिनी के रूप में ,
दर्शन इक अवतारी हूँ !!!
गुरुर है मुझे कि मैं नारी हूँ.....
सन्तान के लिये अपनी ,
ममता की फुलवारी हूँ !!!
परिवार के लिये अपने ,
सुख की चार दिवारी हूँ !!!
गुरुर है मुझे कि मैं नारी हूँ.....
पुत्री के रूप में अपने ,
पिता की पगड़ी भारी हूँ !!!
पुत्रवधु के रूप में कुल के ,
कुलदीपक की उजियारी हूँ !!!
गुरुर है मुझे कि मैं नारी हूँ.....
भगिनी के रूप में भैया की ,
रक्षक तलवार दो धारी हूँ !!!
भाभी के रूप में ननद-देवर की ,
हँसी-ठिठोली प्यारी-प्यारी हूँ !!!
गुरुर है मुझे कि मैं नारी हूँ........
हर फर्ज़ पर होती कुर्बान ,
अस्तित्व की यही पहचान !!!
जब भी समर्पण करूँ ह्रदय से ,
तो पत्नी पद की अधिकारी हूँ !!!
गुरुर है मुझे कि मैं नारी हूँ.......
नहीं बोझ मैं इस समाज का ,
और ना ही मैं बेचारी हूँ !!!
हर रूप में मेरे मैं हूँ अनुपम ,
इसीलिए मैं नारी हूँ !!!
हाँ इसीलिए मैं नारी हूँ !!!
प्रतिभा द्विवेदी उर्फ़ मुस्कान"
सागर मध्यप्रदेश 8 मार्च 2017
05 अप्रैल 2020 को महिला उत्थान दिवस पर आयोजित
कवयित्री सम्मेलन, फैंशन शो व सम्मान समारोह में आपको
सादर आमंत्रित करते हैं।
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