कही पवित्र है गंगा-खुशबू

मिशन गंगा 1100


नारी है नारायनी सर्व शक्तीमान
नारी है वरदान करो इसका गुणगान।
जिसने तुम्हे जन्म दिया ,
जग छोरा तेरा गृहस्ती किया।
नारी है संसार,नारी से जीवन सार।
नारी जननी,नारी पत्नी,नारी भारत माँ है।
नर से पहले नारी है 
नारी मे जीवन सारी है
नर है नारी घर  है नारी
नारी से संसार है ।
नारी है परमात्मा जिसमे रहती हर आत्मा ।
नारी मे सुख संसार है, नारी ही दुखः कि काल है।
राम से पहले सीता माता,
नारी की ही अवतार है।
कृष्ण से पहले राधा ,नारी परेम संसार है ।
कही ग्यान की देवी सरस्वती निवासिनी ।
कही वेश्य है ,कही दामिनी। 
कही गंगा पवित्र है।


खुशबू कुमारी शर्मा
दिल्ली


 



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