मन हुआ शातं -सुरेन्द्र

 


एक कार्य क्रियाविन्त हुआ. 
निर्भया विचार अनंत हुआ. 
लम्बे संघर्ष से जीता है, 
एक बुरे अध्याय का अंत हुआ. 
कितना बड़ा सफ़र है झेला, 
कई बार विश्वास पर्यंत हुआ. 
पांच दरिंदो की टोली थी, 
चार का जीवन हलंत हुआ. 
चलो, न्याय की जीत हुई, 
"उड़ता "निर्भया मन शांत हुआ. 



सुरेंद्र सैनी बवानीवाल 
झज्जर (हरियाणा )
9466865227


 



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