हो गई आज बात ये साफ
मिला निर्भया को इन्साफ
.......
हैवानों ने किया था काम
देख दरिन्दों का अन्जाम
.......
निर्भयता से लड़ी लड़ाई
दोषियों को सज़ा दिलाई
.......
हार न मानी मन में ठानी
आखिर न्याय दिलाकर मानी
......
अब लहर खुशी की छाई है
मां ने जीती आज लड़ाई है
......
सिम्पल काव्यधारा
प्रयागराज
0 टिप्पणियाँ