नारी का जीवन-कविता

तलाक -तलाक -तलाक"
हर बार का यही डरावा था
जो पुरूष देता था बीवी को
बात बात मे एक ताना था
एक झटके मे कह देता था
"तलाक -तलाक -तलाक"
 बर्बाद कर देता था नारी का जीवन
शादी के बाद बीवी
 इसी बात से तो डरती थी
हर काम करने से पहले
 दस बार सोचा करती थी
चाय मे हो गई कम चीनी 
अब बदले मे कहीं 
मिल ना जाए इनाम
"तलाक -तलाक -तलाक"
शादी के बंधन को 
मर्द ने कलंकित कर डाला
जब बात बात पर दिया अपनी बीवी को
"तलाक- तलाक -तलाक"
नादान, मासूम ,बेबस बीवी 
कब तक करती रहती बर्दाश्त
एक दिन पहुँच गई कोर्ट और 
कर दिया दावा
मर्द आ गया सकते मे 
जो हर बात मे धमकी देता था
"तलाक- तलाक -तलाक"
बहुत सही यातनाएँ नारी ने
धर्म गुरूओं ने लगाए कई प्रतिबंध
हिम्मत नहीं हारी ना ही डरी
तलाक से
नारी की कोशिशे रंग लाई
दोनों सदनों मे पास हो गया बिल
अब तलाक से छुटकारा नारी पाई
डरती नहीं आज की नारी 
किसी भी तूफान से
उसने बदला ले लिया शौहर से 
मारा उसके गाल पर करारा चांटा
"तड़ाक -तड़ाक -तड़ाक"
मर्दों की इस दुनिया मे अगर नारी ठान ले
अपने अंदर बैठी दुर्गा शक्ति पहचान ले
बाल भी ना कोई बांका कर पायेगा
नारी को कोई झुका नहीं पायेगा
आज महिला दिवस पर 
सब नारी शक्ति को बधाई
एक बार फिर नारी 
विशाल काया बन सामने आई।।



शाहाना परवीन...✍
पटियाला पंजाब


पति :- श्री नरेश कुमार


 


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