नारी कल्पतरु की छाया-शोभा रानी

अन्‍तराष्‍ट्रीय महिला दिवस पर विशेष


नारी से सारा विश्व जगत,

 नारी से नर नारायण है ,

नारी है जग का गौरव ,

नारी गंगा सी पावन है ।

नारी ममता का वह सागर ,

जिसमें संपूर्ण समर्पण है ,

नारी का पद नर से ऊपर ,

नारी समाज का दर्पण है ।

नारी कुदरत का ऐसा तोहफा ,

जो प्रगति का संबल है ,

मृदुवाणी और परोपकारीवह,

 

उसमें स्वयं का आत्म बल है ,

नारी कल्पतरु की छाया ,

जिसके नीचे सुख ही सुख है ,

नारी का जीवन वह मीठा फल,

 जिसके बिना अधूरा नर है।

 कुल की मर्यादा की खातिर ,

विष का प्याला पी जाती है, सुख-दुख में परछाई बन चलती,

 अर्धांगिनी वह कहलाती है।

 जिन पुरुषों को जन्म दिया

 उन्हीं के हाथों चली जाती है,

 कभी त्याग की बलि चढ़ी तो,

 कभी जलाई जाती है ।

किसी ने वजूद को उसके ,

दांव पर लगा ललकारा है ,

किसी ने भोग्या समझा उसकी

 इच्छाओं को मारा है ।

कर्ज चुकाया नारी होने का,

 सीता भी कलंक से बची नहीं

 अग्नि परीक्षा देने पर भी ,

उसको मुक्ति मिली नहीं।

  हाड़ मांस की बनी हुई,

 उसकी धमनियों में भी लहू बहता है ,

सुख दुख का एहसास है उसको

 उसका दिल भी धड़कता है।

 नारी की महिमा का बखान ,

अपने मुंह से क्या कर पाओगे

 उनके उपकारों  को गिनते गिनते

 तुम खुद ही थक जाओगे।

 नारी दुर्गा, नारी है लक्ष्मी,

 नारी कुल की मर्यादा है,

 नारी की शक्ति के बिना ,

नर का बल भी आधा है ।

पुरुष प्रधान युग में नारी को,

 जीने का अधिकार चाहिए ,

उसके सतीत्व की  हो रक्षा ,

और उसे सम्मान चाहिए ,

एक अजनबी के लिए जिसने,

 अपना जीवन भेंट किया ,

उसके बदले में उसको ,

बस थोड़ा सा प्यार चाहिए 

बस थोड़ा सा प्यार चाहिए ।

 

श्रीमती शोभा रानी तिवारी 619 अक्षत अपार्टमेंट खातीवाला टैंक,

 इंदौर मध्य प्रदेश मोबाइल 89894 09210

 

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