नारी -मनीषा

अन्‍तराष्‍ट्रीय महिला दिवस पर प्रस्‍तुति


ख्वाहिशें अपनी कर कुर्बान मुस्कुराती है नारी।
मुश्किल  वक्त में रख हिम्मत गुनगुनाती है नारी।


अपनों के लिए हर तकलीफ से गुजरती है नारी।
हर रिश्ते की  नजाकत को समझती हैं नारी।


उम्मीदों का दामन कभी ना छोड़ती  है नारी।
मंजिल मिलने तक राहों पर दौड़ती है नारी।


हर दर्द को सहने की शक्ति है नारी।
श्रध्दा है,अर्चन है, भक्ति है नारी।


मन में  ममता और करुणा जगाती है नारी।
इन दीवारों को घर भी बनाती है नारी।


कभी मिलता सम्मान, कभी अपमान का घू्ट पीती है नारी।
समर्पण, प्यार, , दया, सेवा का जीवन जीती है नारी।
        
 मनीषा जोशी
खोपोली महाराष्ट्र


05 अप्रैल 2020 को महिला उत्‍थान दिवस पर आयो‍जित
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