नए आदर्श- विजेता

अन्‍तराष्‍ट्रीय महिला दिवस पर प्रस्‍तुति


नहीं चाहती सीता बनना
 धरती ही से ले जन्म
 धरती ही में मिलना
 नहीं चाहती देवी बन
 देवता की आज्ञा पर भटक वन वन 
उसी के अंश को जन्माना
 नहीं चाहती अब कोई परीक्षा 
दूसरों की दागदार दृष्टि से देख 
खुद को कलंक मुक्त साबित करना 
हे अग्नि पुत्री द्रौपदी!
 अब तुमसे है कुछ सीखना 
पांच पुरुषों में बँटकर भी 
निज स्वाभिमान की रक्षा करना 
करे जो कभी कोई स्त्री का अपमान
 सूद सहित उसे लौटाना 
गिन गिन कर सौ सौ बार 
गम ना करना कभी जो कह दे 
कोई गणिका 
ना रखे कभी मेरा नाम जो अपनी 
कन्या का 
शोक, क्षोभ
नहीं  नहीं 
बल्कि हौसला है रखना
 हो कोई भी युग
धर्मार्थ महाभारत रचना 
पति से भी बढ़कर संकट में देता है 
साथ सखा 
द्रौपदी तुझसे ही तो अब है यह सीखना
 नहीं चाहती सीता बनना
धरती ही से ले जन्म 
धरती ही मे मिलना

डा0 विजेता साव, कोलकता पश्चिम बंगाल


05 अप्रैल 2020 को महिला उत्‍थान दिवस पर आयो‍जित
कवयित्री सम्‍मेलन, फैंशन शो व सम्‍मान समारोह में आपको 
सादर आमंत्रित करते हैं।
पत्रिका के साप्ताहिक आयोजनो में करें प्रतिभाग
शार्ट फिल्‍म व माडलिंग के इच्‍छुक सम्‍पर्क करें 7068990410


 



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ