घर में कैद है जब से हमारे सजन
फरमाइश सुन कर हो रही है घुटन
खाना संग मीठा खारा चटपटा चाहिए
मिर्ची जैसी तीखी मुंह में हो रही जलन
देख उनके रंग ढंग मुंह मेरा सुजा है
कलमोहि संग चैट करके हो रहे मगन
मैं ठहरी भारतीय नारी है सोच उनकी
मैं मैम होती सोच दिल में हो रही जलन
हे दुर्गा माई हे महामाई घर पधारो आप
पति भैरव समेत तुम्हें मैं कर रही नमन
डॉ बीना सिंह छत्तीसगढ़
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