अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष
सजल नयन में भरो अंगारे
अब समय है दुर्गा अवतार का
अदम्य साहस का दे परिचय
अंत करो अब व्यभिचार का।
अपने पीयूष स्रोत से अब
न्याय का क्षीर बहा देना।
सुकोमल हृदय में भर कर आग
समाज को दर्पण दिखा देना।
सहिष्णुता की सीमा को
अब कर दो तुम रेखांकित
उत्तर दे कर अपमान का
दो आत्मा को सम्मान कथित।
तुम वस्तु नहीं उपभोग की
तुम स्वयम में विश्व प्राण हो
स्वयम को जानो हे जननी
सृजन का तुम उपादान हो।
तोड़ कर सभी रूढ़ियाँ अब
अपने कदम तुम्हें बढ़ाने होंगे।
कीर्ति के नवल उदाहरण
संसार को अब बताने होंगे।
डॉ. पूजा मिश्र'आशना'
60,S. B रोड,राजोद,जिला-धार(म.प्र.)
05 अप्रैल 2020 को महिला उत्थान दिवस पर आयोजित
कवयित्री सम्मेलन, फैंशन शो व सम्मान समारोह में आपको
सादर आमंत्रित करते हैं।
पत्रिका के साप्ताहिक आयोजनो में करें प्रतिभाग
शार्ट फिल्म व माडलिंग के इच्छुक सम्पर्क करें 7068990410
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