आलू कचालू बेटा कहां गए थे ।सौरभ भैया के साथ चिप्स खा रहे थे । अरे, बेटा सौरभ क्या कर रहे हो कुछ नहीं मां चिंटू चिप्स के लिए जिद कर रहा था उसको अंकल चिप्स दिला लाया था ।क्यों !बेटा तुम्हें मालूम नहीं कि दुकानदार कभी-कभी पुराना माल बच्चों को पकड़ा देते हैं ,जिसे खाकर बच्चे बीमार हो जाते हैं ।अच्छा मां ,--सौरभ और चिंटू आगे से ध्यान रखना मेरे बगैर पूछे बाहर मत जाना ।तुम्हें तो मालूम नहीं बाजार की चिप्स कितनी नुकसान करती है आगे जब भी इच्छा हो मुझे बताना मैं तुम लोगों के लिए घर की चिप्स तल दूंगी ।नहीं ,----?मां घर की चिप्स बाहर जैसी नहीं होती ,उसमें टेस्ट भी नहीं होता ।नहीं मां सभी बच्चे वही खाते हैं ।अच्छा ------? तभी तो बच्चों को पेट में दर्द की शिकायत हो जाती है ।उसका मसाला जीभ के स्वाद को तो बढ़ाता है लेकिन पेट को जलाता है। जिससे आप जैसे बच्चों को गैस बनने जैसी बीमारी हो जाती है अरे !बेटा तुम्हें याद है मैंने होली के समय आप सभी के लिए घर में आलू के चिप्स और पापड़ बनाए थे जब इच्छा हुआ करे तो बताना मैं आपके लिए तल दूंगी ।घर में जो सामान बनता है वह अच्छा ताजा तथा शुद्ध तेल से बना होता है ।तुम्हारे पापा बाजार में बिकने वाला चिप्स जो मैदा ,चावल ,सूजी, अरारोट का बना होता है वह भी आप बच्चों के लिए लाए हैं ।अच्छा, ठीक है मां आप कहती हो तो मैं अब उसे नहीं खाऊंगा ।तभी अचानक चिंटू के पेट में दर्द होने लगता है उसकी मां घबरा जाती है ।जब पैकेट देखती है तो उसकी पैकिंग साल भर पुरानी होती है। वह समझ जाती है और अपने बेटे चिंटू को समझाती है बेटा इसी कारण मैं आपको समझा रहीथी ।बच्चों, को दुकानदार पुरानी पैकिंग का सामान बच्चा समझ कर पकड़ाते है औरअपना उल्लू सीधा करते हैं । उन्हें बीमार बना देते हैं ।समझे बेटा ! समझदारी इसी में है कि घर में बनी चिप्स को ही खाओ ।अपने दोस्तों को भी समझाओ ।। स्वस्थ रहना है तो अंकल चिप्स, लेज, को करो तौबा।जो तरह-तरह के फ्लेवर में बिक कर बच्चों के स्वास्थ्य को खराब कर रहे हैं। समझे बेटा सौरभ और चिंटू बाजार की चिप्स खाने से बचो और स्वस्थ रहो ।अपनी मां के हाथ का बना आलू का चिप्स खाओ और प्रसन्न रहो।
अंजू पुरवार,
चैतन्यमार्ग, मीरापुर प्रयागराज।
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