आनलाइन कवि सम्मेलन
एक शाम तुम्हारे नाम
आयोजक -साहित्य सरोज
आओ ना तुम्हें प्यार करूं
एक सुबह एक दोपहर एक शाम
तुम्हारे नाम करूं
तुम्हारे बाहों के घेरे को
अपना घर कहूं
अपनी केशो में उलझी तेरी
उंगलियों को सितार कहूं
आओ ना तुम्हें
जी भर प्यार करूं....
बहुत दिनों से बेख्वाब है आंखें
स्याह चादर सी फैली है रातें
मन प्यासा तन बंजर
सन्नाटे में डूबा हर एक मंजर
ता उम्र बैठे यूं ही ना मलाल करुं
आओ ना एक बार ही सही
तुम्हें प्यार करूं....
जिंदगी के सुने गलियारे में
कब कहाँ ना जाने क्या मोड़ आ जाए
आज जो बने हम हमसफर
जाने कब कहां बिछड़ जाए
मंजिल तक पहुंचने की चाह में
सुकून -ए -सफर क्यों बर्बाद करूँ
आओ ना दो पल ही सही
तुम्हें प्यार करूं ....
अपने जीवन की हर एक शाम
तुम्हारे नाम करूं....
डा.विजेता साव
्
विज्ञापन-:अभिनय/माडलिंग, स्टील/वीडियो
फोटोग्राफी व एडिटिंग, डिजिटल विज्ञापन व
स्क्रीन प्रिंटिंग के अलग अलग प्रशिक्षण दिये
जायेगें। विशेष जानकारी एवं माडलिंग व
शार्टफिल्मों के अभिनय के लिए भी संम्पर्क करें।
9451647845 या 7068990410
नीचे है👇आपकी कविता का यूट्यूब लिंक
https://youtu.be/UBqd-_PwTqE
0 टिप्पणियाँ