आनलाइन कवियत्री सम्मेलन में निशा गुप्ता

आनलाइन कवि सम्मेलन 
एक शाम तुम्हारे नाम
आयोजक -साहित्य सरोज


मिलन हो रात का दिन से तो वो साँझ बनती हैं 
बड़ी उम्मीद से दिल में बस एक आस पलती है
कभी तो आएगा कोई जो मुझ को भी भायेगा 
लेकर नाम फिर उसका मेरी हर सांस चलती है।


बना कर रानी वो अपनी,अपने साथ ले जाए
करूँगी हर यत्न मैं भी, मिलन फिर हो ही जायेगा ।


वो सपनो का जो राजा है, हकीकत में वो कैसा हो 
मेरे हर रूप को परखे ,मेरे दिल में ही रहता है ।


मैं जैसी हूँ मैं उसकी हूँ करे विश्वास मरते दम 
नही आरोप हो कोई,न कोई अपेक्षा हो।


मुझे ना चाहिए हीरे ,न मोती की कोई ख्वाइश
मेरे माथे का ये सिंदूर बस मेरा ही घना हो ।


करे वफ़ा वो जीवन में सजा दूँगी मैं बगियाँ को
करेगा जो जफ़ा मुझे से,तो मेरी ललकार जिंदा हो।


 


 


स्वरचित 
निशा'अतुल्य'


विज्ञापन-:अभिनय/माडलिंग, स्टील/वीडियो
फोटोग्राफी व एडिटिंग, डिजिटल विज्ञापन व
स्क्रीन प्रिंटिंग के अलग अलग प्रशिक्षण दिये
जायेगें। विशेष जानकारी एवं माडलिंग व
शार्टफिल्‍मों के अभिनय के लिए भी संम्‍पर्क करें।
9451647845 या 7068990410
नीचे है👇आपकी कविता का यूट्यूब लिंक


 



 


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ