आतंकवाद-शिवानी

 


जिहाद के नाम पर छोड़कर लड़ाई,
मानवता का आगाज करो |
पत्थर को पानी कर सकते हो तुम,
ज़रा एक कदम शुरुआत करो |


न कत्ल़-ए-आम करो,
न अमन चैन बर्बाद करो |
भारतीय हो भारत माँ की संताने,
मिलकर कोई नेक काम करो |


आतंकवाद मिटाओ ईर्ष्या द्वेष
को खाक करो,
देशद्रोहियों से डटकर करो
मुकाबला...
गलत इरादे नाकाम करो |


नापाक मंसूबों को हम हवाले
आग करेंगे,
अपने देश की तरफ उठती बुरी
निगाह को बे-आँख करेंगे |


आतंकवाद के साए से
महफूज वतन-ए-पाक करेगें,
मिटा देंगे या मिट जाएंगे
मगर हम न झुकेंगे।


राष्ट्रवाद के सिद्धांतों पर अब
हम सबको आना होगा ,
धर्म आतंक को कर ओझल,
शांति पाठ पढ़ाना होगा |


अत्याचारियों को मुल्क से
खदेड़ भगाना होगा,
कसम एक कतरे खून की,
आतंकवाद मिटाना होगा |


यह विश्व हमारा घर...
जहां हर देश सदस्य समान है,
हर शख़्स हमारा अपना है
और अपना हर धर्म त्यौहार है |


न कोई बम पिस्तौल और
बारूद का ढेर बनाना है,
यह प्रेमियों का देश धर्म
सदाचार और प्रेम फैलाना है।


इसी मिट्टी में जन्मे इसी मिट्टी में
मिल जाएंगे,
मौत का व्यापार खत्म कर
आतंकवाद मिटायेंगे |


जय हिंद जय भारत इंकलाब का
नारा लगाएंगे,
हम भारतीय है मानवता की
धर्म पताका फहराएंगे |


      *शिवानी त्रिपाठी।*
      *मीरापुर,प्रयागराज*


*shivani_tripathi_sona*


 



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