एक दिन आपका कालम तहत प्रकाशित कहानी गुरूर
बिभु साधारण परिवार का होनहार बिद्यार्थी थाचूँकि बिभु पढ़ने में बहुत अच्छा थतो उसने आई.आई. टी परीक्षा पहली बार में ही पास कर गया फिर बिभु का नामांकन मुम्बई के इंजीनियरिंग कॉलेज में हो गया। कॉलेज का ऒ पहला दिन सभी बच्चे ख़ुशी से चहकते हुए कॉलेज परिसर में टहल रहे थे ।बिभु भी अपने कुछ सीमित दोस्तों के साथ मन लगा कर पढ़ाई कर रहा था चूँकि उनका कॉलेज कोएड था जिससे उसके कॉलेज में लड़का लड़की दोनों साथ साथ पढ़ते थे ।
एक दिन क्लास रूम में ही बिभु को ये एहसास हुआ की ओ एक लड़की जो उसके साथ ही पढ़ती हैं जिसका नाम निशा हैं उसे ओ अच्छी लगने लगी हैं।शायद बिभु को निशा से प्यार हो गया था चूँकि निशा पैसे वाले बाप की बेटी थी और ओ पुरे गुरुर में रहती थी।एक दिन बिभु ने हिम्मत जुटा कर अपनी दिल की बाते निशा से बोल दिया " मैं तुमसे प्यार करता हूँ"।
इतना सुनते ही निशा ने गुस्से में चिल्लाकर कहा तुम्हारी ये हिम्मत ,मेरा लेबल देखे हो,फिर अपना।जाओ कोई अपने लेबल की लड़की से शादी कर लो।
बिभु ,निशा को भूल चूका था अचानक 12 साल के बाद एक शॉपिंग मॉल में ओ निशा से टकरा जाता हैंदोनों एक दूसरे को देखकर पहचान जाते हैं पर निशा को आज भी अपने पैसो का बहुत घमंड था,उसने उतने ही गुरुर में बिभु को निचा दिखाने के लिए कहा"तुम अभी करते क्या हो"जानते हो मेरी शादीबहुत बड़े अधिकारी से हुई हैं जिनकी सैलरी 15 लाख से ऊपर हैं और अब हम U.S.A में सेट्ल होने जा रही हूँ तभी निशा का पति वहा आ जाता हैं और बिभु को देखते ही कहा सर आप यहाँ कैसे?और अपनी पत्नी निशा को बताने लगा निशा इनसे मिलो ये मेरे कंपनी के M.D और मेरे वही बॉस हैं जिनकी बाते मैं तुम्हे अक्सर सुनाता हूँ की कैसे एक लड़की ने बॉस के प्यार को अपने गुरुर में ठुकराया था।
यह सुनते ही निशा बीते हुए पलो में चली गई ...। कैसे उसने अपने पैसो के गुरुर में बिभु को नीचा दिखाते हुए उसका अपमान की।आज पहली बार निशा को ये एहसास हुआ की उसने जो बिभु के साथ किया ओ गलत था और बिभु से मानो यही कह रही हो...Sorry Vibhu
अनुभा पटना
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