बेटी बन कर बोल रही -रेखा

एक दिन आपका में रेखा तिवारी की कविता


बेटी बनकर बोल रही मै
बापू अपना मुख मै खोल रही हू
शास्त्री जी आज जीवन्त है
बस मेरी ईमानदारी मे वे है
बापू तेरी दुनियाँ लुट गयी
देख देश की कलियाँ लुट गयी
गलियों मे हाहाकार है बस
बेटियां तेरी देश की लाचार है
गरम हवा ये कैसी चली
कभी अस्मत लूटी या मजबूरी मे बिकी
हवा की किरणे यदि पश्चिम से बही
तब ही भारत की नारियाँ ही चली
संस्कार संस्कृति की ये दे दुहाई
धर्म के ठेकेदारों की अब करो खिंचाई
देख आसारामबापू ने बापू नाम की लाज डुबा
और राम रहीम ने तो धर्म के नाम
पर  अश्लीलता फैलाई
बोल बापू तू आज चुप क्यों है
शास्त्री जी की वाणी मै बने
बस विचार भाव ईमानदारी का
रखकर मै तेरी दुनियाँ मे रहूँ
रानी लक्ष्मीबाई बनकर मै शान बने
पर अन्याय का ना कभी मै साथ दू
क्या होता है जो दिल मेरा रोता है
पर ये आजाद हिन्द फौज मे भी
भरती होता है
सुभाष चंद्र की मे सुप्रभात बनूंगी
लेकिन बापू औ…


 


रेखा तिवारी, बिलासपुर



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