मैं गुनहगार हूं तेरे प्यार का सजा तो दे दे
सर झुका दूं तेरे कदमों पर पता तो दे दे।
बयां करूं कुछ दास्तां जरा रजा तो दे दे।।
मेरी मजबूरी विवशता जरा सुन तो ले
बाद उसके कोई भी मनचाहा सजा चुन तो ले।
आह ! निकलेगी ना मुंह से इंतहा तो ले ले ।।
भूल तुमसे भी हुई है , सिर्फ मुझसे ही नहीं
तेरी मेरी थी कसर , यह कोई किस्मत की नहीं।
फिर भी तैयार हूं मैं दिल में जगह तो दे दे ।।
देख होके जुदा तुमसे बेहद तड़पा हूं ,
नाम ले ले के लबों पे सिसका और तरसा हूं ।
ईक नजर देख मेरे हाल का जायजा तो ले ले ।।
भूला सुबह का , तेरे दर पे शाम आया हूं
दर्दे दिल का ए शान पयाम लाया लाया हूं।
क्या हकीकत है फसानों का बयां तो ले ले।।
वफा निभा ना सका फिर भी बेवफा मैं नहीं
दाग धो कर ही रहूंगा कि बेवफा मैं नहीं।
पाक है दिल , लहू का आखरी कतरा ले ले।।
सर झुका दूं तेरे कदमों पे पता तो दे दे।।
मैं गुनहगार हूं तेरे प्यार का सजा तो दे दे।।
संतोष शर्मा शान
हाथरस
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