तांका
हमारी धरा
सुन्दर सलोनी है
मत बिगाडो
भमि-रूप संवारो
अपने को सुधारो
मनुष्य ने ही
अपने स्वार्थ हेतु
रूप बिगाड़ा
सुन्दर धरती का
वन बाग उजाड़ा
पृथ्वी रो रही
पेड़ पौधे न काटो
अशुद्ध वायु
दूषित ही होरही
बीमारी बढ रही
बढ रहा है
बहुत प्रदूषण
कैसे सांस लें
जल,ध्वनि, भूमि का
औ वायु प्रदूषण
आशा जाकड़
9754969496
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