इक्कीसवीं सदी में हिंदी में  रोजगार की संभावनाएं-नीतू


  लेेेखन एक रचनात्मक कौशल है।कला और साहित्य का "सृजन"ही सृजन नही है अपितु मनुष्य के वे सभी "कर्म"जो उसकी चेतना को और उदार और मानवीय बनाते हैं,एक तरह से सृजन ही हैं।
हिंदी राष्ट्रीय स्तर पर हो या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाई हुई है।अस्सी और नब्बे के दशक के बाद जब तकनीकी क्रांति जोर पकड़ने लगी तो अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियों का भारत में आगमन हुआ,तकनीकी उपकरण जैसे कंप्यूटर, मोबाइल आदि का वर्चस्व स्थापित हो गया इस रूप में भी हिंदी और आगे बढ़ी। मीडिया जगत में अनेक हिंदी समाचार चैनलों के आगमन से पत्रकारिता के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ी हैं,इस कारण हिंदी में प्रस्तुति देने वालों की तथा हिंदी से संबंधित कार्य करने वालों की इस क्षेत्र में निरंतर मांग हो रही है। माइक्रोसॉफ्ट कंप्यूटर के निर्माण के समय हिंदी को पूरा महत्व देता है और हिंदी फॉन्ट की उपलब्धता आज बेहद आसान हो गयी है।हिंदी की अनेक वेबसाइट हैं ,जो हिंदी में पूर्ण कंटेंट प्रदान करती हैं।इस क्षेत्र में भी जीविकोपार्जन की संभावनाएं बढ़ी हैं।
विश्व भर में जिस तरह हिंदी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है उसी तरह हिंदी भाषा कब क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़ते जा रहे हैं। हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में संपादकों,पत्रकारों,संवाददाताओं, उपसंपादक प्रूफरीडर, रेडियो जॉकी,एंकर आदि की आवश्यकता होती है।इस क्षेत्र में रोजगार की इच्छा रखने वालों के लिए पत्रकारिता/जनसंचार में डिग्री /डिप्लोमा के साथ हिंदी में अकादमिक योग्यता रखना महत्वपूर्ण है।रेडियो /टीवी/सिनेमा के लिए स्क्रिप्ट राइटर/डायलॉग राइटर/गीतकार के रूप में सृजनात्मक लेखन आवश्यक होता है।
हिंदी में अनुवादक के क्षेत्र में द्विभाषी दक्षता होना महत्वपूर्ण है।कोई व्यक्ति एक स्वतंत्र अनुवादक के तौर पर अपनी आजीविका संचालित कर सकता है।विश्व भर में सिस्ट्रोन,एस डी एल इंटरनेशनल ड्रेटायर ट्रांसलेशन ब्यूरो आदि असीमित संख्या में भाषा कंपनियां हैं जो बहुभाषी सेवाएं उपलब्ध कराती हैं,इनमें मुख्य भाषा के रूप में हिंदी भी है।सामान्यतः इन फर्मों में रोजगार के अवसर स्थायी या स्वतंत्र अनुवादकों तथा भाषांतकारों के रूप में उपलब्ध होते हैं।
केंद्र तथा राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों में हिंदी सहायक,प्रबंधक, राजभाषा प्रबंधक, आशुलिपिक ,टंकक जैसे विभिन्न पदों की भरमार है।हिंदी में योग्य एवं शिक्षित व्यक्ति इस क्षेत्र में अपनी जीविका चला सकते हैं।
भारत में स्कूल,कॉलेज और विश्वविद्यालयों में अध्यापन के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वालों के लिए भी अनगिनत अवसर हैं।भारत सरकार के अधीन वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग काम करता है।यहाँ पर हिंदी औऱ अन्य भारतीय भाषाओं के वैज्ञानिक और नए शब्दों का विकास किया जाता है।यहां भी अंग्रेजी की जानकारी के साथ हिंदी भाषा में दक्ष लोगों के लिए रोजगार के ढ़ेरों अवसर हैं।
      बैंक अथवा वित्तीय संस्थानों में राजभाषा अधिकारी के रूप में भी रोजगार की अनंत संभावनाएं हैं।इसके अतिरिक्त " विज्ञापन"आज वस्तुओं की बिक्री बढ़ाने का प्रमुख हथियार है।विज्ञापन शब्द 'ज्ञापन'में 'वि' उपसर्ग लगाने से बना है।जिसका अर्थ है-विशेष जानकारी देना।टीवी,रेडियो, समाचार पत्रों,पत्रिकाओं में "विज्ञापन लेखन"के क्षेत्र में युवा रोजगार अपना सकते हैं।साथ ही फीचर लेखन,टिप्पण,आलेखन एवं साक्षात्कार, समाचार लेखन,रिपोर्ताज ,ब्लॉग लेखन आदि विधाओं में भी लेखन रोजगार के विभिन्न अवसर प्रदान करता है। आप अपनी रुचि ,योग्यता और दक्षता के अनुसार अपना क्षेत्र चुनकर अपना भविष्य संवार सकते हैं।विश्व भर में हिंदी भाषा के बढ़ते प्रयोग और प्रभाव ने हिंदी में रोजगार की संभावनाओं के अनगिनत द्वार खोल दिये हैं।


 *डॉ नीतू शर्मा*
   *प्रो0 हिंदी* 
   *लखनऊ


 



 


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