महिलाओं का यह सौभाग्य रहा है कि उनमें ममत्व , वात्सल्य एवं सृजनात्मकता जैसे प्राकृतिक गुणों का समावेश है साथ ही उनमें विपरीत परिस्थितियों को भी धैर्य एवं बुद्धिमता से अनुकूल बनाने की क्षमता भी कूट - कूट कर भरी हुई है ।दो दशक पहले तक सिलाई - कढ़ाई- बुनाई - क्रोशिया आदि हर घर की महिलाएं करती रहीं हैं।गाँव में अब भी महिलाएं इससे कुछ न कुछ कमाई कर लेती हैं ।शहरों में यह प्रचलन कम हो गया है ।पढ़ाई के साथ पहले स्कूलों में ये सारी चीजें सिखाई जातीं थीं ।अब पढ़ाई का माहौल बदल गया है ।आजकल के बच्चे कम्प्यूटर पर ज्यादा रहते हैं ।वैसे शिक्षक ट्रेनिंग एवं बी एड का कोर्स करके वे शिक्षिका जरूर बन सकतीं हैं ।चाहें तो घर में बेबी नर्सिंग एवं बेबी सीटिंग भी कर सकतीं हैं ।घर से ही मैथ , फिजिक्स , केमिस्ट्री टयूशन कार्य कर सकती हैं।आजकल ऑन लाइन काम की भी कमी नहीं है ।बहुत सारी कंपनियाँ हैं जो महिलाओं को वर्क फ्रॉम होम ऑप्शन देती हैं जो ज्यादा फायदेमंद रहता है ।क्रिएटिव राइटिंग , कंटेंट राइटिंग के कोर्स करके भी काम किया जा सकता है ।ये सभी ज्यादातर वर्क फ्रॉम होम विकल्प देती हैं ।महिलाएं ज्वारी की रोटी बनाने का भी कार्य कर सकती हैं ।इस रोटी का डिमांड भी ज्यादा है तथा टिफ़िन सर्विसेज भी शुरू किया जा सकता है ।बड़ी , पापड़ , अँचार भी किया जा सकता है ।कम्प्यूटर जानने वाली ब्लॉगिंग या डिजीटल मार्केटिंग कर सकती हैं ।मोतियों की झालर , राखियाँ , तोरण , डलिया आदि कार्य भी किये जा सकते हैं।बाँस को कट करके भी सूप , डलिया , बास्केट इत्यादि बनाये जाते हैं ।जिन्हे पौधों का ज्ञान है , वे तरह - तरह के पौधे उगाकर उन्हें बेचने का कार्य कर सकती हैं ।आजकल मेडिसिनल पौधे भी काफी डिमांड में हैं।तरह - तरह के फूल भी किसी का मन मोह सकते हैं ।साथ ही खाद एवं पेस्टिसाइडस भी रखा जा सकता है ।आजकल युवा कौशल सरकारी ट्रेनिंग के अंतर्गत मछली पालन , मधुमक्खी पालन , मोती की खेती , पशु चारे की कटाई , बीज भंडारण , ब्यूटी पार्लर , मशरूम की खेती , काफी कुछ सिखाया जाता है ।ट्रेनिंग के बाद सरकार ऋण भी देती है और उसमें कुछ छूट भी देती है ।बेटियाँ एवं बहुएँ इस ट्रेनिंग के बाद परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर कर सकती हैं।सवाल पैदा होता है कि उत्पादन के बाद इन्हें बेचें कहाँ ?सरकार उत्पादन के वितरण में भी सहायता करती है।ऑन लाइन भी मार्केटिंग किया जा सकता है।परिवार का कोई सदस्य भी मार्केटिंग कर सकता है ।मिलजुलकर कार्य करने से मुनाफा भी घर में ही आता है ।सैनिटरी पैड बनाने की मशीन भी सस्ते में सरकार उपलब्ध करवाती है।प्रति पैड एक से दो रुपये का मुनाफा होता है ।इस प्रकार देखा जाय तो बहुत सारे ऐसे कार्य हैं जो महिलाएं घर का इनकम बढ़ाने के लिए कर सकती हैं और आने वाली पीढ़ी को भी सिखला कर उन्हें मज़बूत बनाने में सहयोग कर सकतीं हैं ।
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डॉ कुमुद बाला
हैदराबाद
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