किताबें ईमानदार मित्र-विक्रम

किसी व्यक्ति  की किताबों का संकलन देखकर ही आप उसके व्यक्तित्व का अंदाजा लगा सकते हैं कहते हैं कि किताबें ही आदमी की सच्ची दोस्त हैं और दोस्तों से ही आदमी की पहचान होती है यह सच है दोस्तों की मेरा अधिकतर समय अपने किताबों के साथ लाइब्रेरी में या अपने घरों में ही गुजरता है किताबों के बीच में मित्रों हम सब 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस मनाते हैं जैसा कि हम जानते हैं कि 23 अप्रैल 1564 को एक ऐसे लेखक ने दुनिया को अलविदा कहा था जिनकी कृतियों का विश्व की समस्त भाषाओं में अनुवाद हुआ यह लेखक थे शेक्सपियर जो अपने जीवन में करीब 35 नाटक 200 से अधिक  कविताएं लिखें दोस्तों साहित्य जगत में शेक्सपियर को जो स्थान प्राप्त है उसी को देखते हुए यूनेस्को ने 1995 से और फिर भारत सरकार ने भी 2001 से इस दिन को विश्व पुस्तक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की l
दोस्तों मेरा मानना है कि जो पुस्तक आप दिल से पढ़ना चाहते हैं लेकिन अभी तक ऐसी पुस्तक लिखी ही नहीं गई है तो आपको चाहिए कि आप जरूर ऐसी पुस्तक एक लिख डालें जैसा कि मैं खुद प्रयासरत हूं दोस्तों अगर आपको लगता है कि यह जीवन सिर्फ एक बार ही मिला है इसका मतलब आप पढ़ना नहीं जानते हैं अगर किताबें ना हो तो बहुत से हमारे कार्य अधूरे ही रह सकते हैं आज जब कोविड 19 से उपजी वैश्विक महामारी कोरोना वायरस  से जब सभी लोग अपने घरों में कैद हैं तो इससे बढ़िया और कोई समय नहीं हो सकता जब हम अपने किताबों से प्यार करें उसमें कुछ ढूंढे यही सही समय है दोस्तो मैं पूरा दिन खुद यही  कर रहा हूं वर्तमान में , किताबी ज्ञान मनोरंजन और अनुभव की बातें कहती है इसीलिए किताबें पूजी जाती है इसीलिए सच्चा दोस्त कही जाती हैं इनके पन्नों पर जीवन का हर अर्थपूर्ण अनुभव सहेज लिया जाए ताकि आने वाला कल और भी सुंदर बन सके किसी जमाने मे  विनोबा भावे की कर्मभूमि रही सफेद कोठी आज ज्ञान की बातें कर रही है यहां करीब 65000 किताबें हैं भारत का संविधान हिस्ट्री ऑफ इंग्लैंड ,इंडियन आर्ट इन अमेरिका, हंड्रेड थाउजेंड ईयर ऑफ डेली लाइफ जवाहरलाल नेहरू का भाषण जैसी अनेक किताबें यहां ऐसी है जो बहुत ही दुर्लभ और कीमती है मैं खुद दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट्रल लाइब्रेरी में लगातार 12 से 13घंटे बिता देता हूं बहुत अच्छा लगता है मुझे वहां का वातावरण लेकिन वर्तमान में लॉकडाउन के कारण अपने मुखर्जी नगर वाले आवास पर ही पुस्तकों में डूबा हूँ l
देश की सामाजिक और सांस्कृतिक विकास की ओर विशेष योगदान के लिए नए विचारों को उत्पन्न करने के साथ ही किताबों के बीच असली खुशी और ज्ञान की खोज करने तथा किताबें पढ़ने के लिए आम लोगों को खासतौर से युवाओं को प्रोत्साहित करता है इस दिन किताबों और लेखकों को श्रद्धांजलि देने के लिए भी एवं पूरे विश्व के लोगों का ध्यान खींचने के लिए भी हम विश्व पुस्तक दिवस के रूप में मनाते हैं वहीं वर्ष 2019 में विश्व पुस्तक दिवस का थीम एक कहानी साझा कीजिए था और वर्ष 2018 का थीम" पढ़ना "यह मेरा अधिकार है दोस्तों ऐसे ही विश्व पुस्तक दिवस मनाने का हर वर्ष का अलग-अलग थीम  होता है उसी पर पूरे विश्व के लोग चर्चा करते हैं जागरूकता लाते हैं आपको बता दूं कि विश्व पुस्तक दिवस 1998 का थीम था "पढ़ना ठंडी हवा है" "एक किताब से ईमानदार मित्र मेरे लिए कोई नहीं हैं ""

कवि ब्‍ क्रांतिकारी(विक्रम चौरसिया)
दिल्ली



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