आज विश्व महामारी के चलते जहाँ पूरा विश्व इस संकट से जूझ रहा है वहाँ स्वयं को लोकडाउन के दौरान घर के अंदर रखना भी एक उपलब्धि से कम नहीं है. अभी भी देश में नासमझ लोगों की कमी नहीं है जो इसका पूर्णतया उलंघन कर रहे हैं.आज की इस भाग-दौड़ वाली जिन्दगी में प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि वो अपने परिवार के साथ अच्छे से वक्त बिताए. मैंने अपने परिवार के साथ इस समय का सदुपयोग किया. एक शिक्षिका होने के नाते और घर की जिम्मेवारी का वहन करते हुए मुझे समय ही नहीं मिलता था कि मैं अपनी रूचियों की तरफ ध्यान दे सकूं.आरम्भ के कुछ दिन तो मैंने घर को सुव्यवस्थित करने में व्यतीत किये और उसके बाद एक पेंटिंग को पूरा करने में आनंद पूर्वक समय व्यतीत किया. हमारे इलाके में कहीं पर भी मास्क नहीं मिल रहे थे तो हमने घर पर ही मास्क बनाने का निर्णय लिया. मैंने अपनी बेटी के साथ मिलकर मास्क बनाए और अपने आस-पास के जरूरतमन्द लोगों में वितरित किये. मेरी बेटी ने अपने कलात्मक लेखन से मनोबल को बढाने वाले विचार लिख कर इंटरनेट के माध्यम से सभी जगह प्रेषित किये ताकि लोगों के मनोबल में वृद्धि हो. इसके साथ -साथ मैंने अपनी कक्षा के विद्यार्थियों को हमारी सुरक्षा में तैनात सभी योद्धाओं को धन्यवाद देने हेतु ग्रीटिन्ग कार्ड बनाने के लिये कहा ताकि वो इनके प्रति अपना आभार व्यक्त कर सकें. विद्यार्थियों से आरोग्य सेतु एप को डाऊनलोड करने का आग्रह किया और इसके महत्व को समझाया. इन सब कार्यो के साथ वक्त कैसे बीत गया पता ही नहीं चला. मैं सभी से केवल एक आग्रह करना चाहती हूँ कि आप भी अपने मनपसंद कार्यो में वक्त बिताए, अगर हो सके तो जरूरतमन्दों की यथा-संभव सहायता करे .
. _किरण बाला
(चण्डीगढ)
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