मेरा देश-कान्‍ता

मेरा देश करे आबाद
तेरी करूणा की बरसात ...


झोली न रहे ख़ाली
तूने कृपा दृष्टि डाली...


पत्थर -पत्थर पूजा 
मेरा कोई नहीं दूजा....


ये कृष्ण की धरती है
यहाँ राम की हस्ती है...


कण-कण यहाँ तेरा है
तेरे नाम का डेरा है...


सब तुझमें समा जाए
तुम सब में समा जाओ....


विश्वास दिला जाओ
विपदा से बचा जाओ..


इस कलियुग में अपना 
अवतार दिखा जाओ


कान्ता अग्रवाल



 



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