मेरी अंतर्यात्रा-प्री‍ति


जीवन यात्रा निरंतर अमर है,
जिंदगी चन्द लम्हात का सफर है।


कोई कहता है जीवन है यात्रा,
कोई कहता जिंदगी सफर है।


पल दो पल को मिलते हैं मुसाफिर,
बिछड़ जाते एक दिन हमसफर हैं।


राहें अलग हैं, मंज़िलें अलग हैं,
अलग सभी की राहेगुजर है।


नई चुनौतियों का उपहार सा जीवन,
पथरीली बहुत जीवन डगर है।


चंद पल के मेहमान हैं सभी,
एक अधूरापन शामोसहर है।


दिन रात आँखे ढूंढे कोई साथी,
उस हमराही को तलाशती नजर हैं।।


कोई कहता है जीवन है यात्रा,
कोई कहता जिंदगी सफ़र है।
प्रीति चौधरी (मनोरमा)
जनपद बुलन्दशहर



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ