मुस्‍कान-किरण

चाहे कोई दर्द या बेदर्द
जग में हो ,भले कितने
ग़मों को मिटाने को तो
एक मुस्कान काफी है 


चाहे ये द्वेष या क्लेश
मन में हों भले कितने
मन का मैल मिटाने को
एक मुस्कान काफी है


कदम-कदम पे दोराहे
राह में हों भले कितने 
उलझनें सुलझाने को
एक मुस्कान काफी है 


भले ये रंग दुनिया के 
बेरंग हो जाएं कितने
हौसलो में रंग भरने को
एक मुस्कान काफी है 


चाहे हो सामने मंजिल
हों पूरे जब कभी सपने
स्वागत जीत का करने
एक मुस्कान काफी है 


मिले कोई बेगाना कहीं 
देने को हौसला पथ में 
राज दिल के बताने को
एक मुस्कान काफी है 


भले ही धन से खाली हों 
अगर ये हाथ जो अपने
तोहफा अनमोल देने को
एक मुस्कान काफी है 


किरण बाला 
(चण्डीगढ़)



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