अनमोल उपहार होती है मुस्कान,
बढ़ा देती है मुख मंडल की शान।
दृगों में अश्रु बिंदु तो सहज आ जाते हैं,
दुष्कर है लाना अधरों पर मुस्कान ।
अनमोल उपहार होती है मुस्कान ।
इस जहान में है लाखों हैं दुख के कारण,
प्रतिदिन ही होता है जीवन में रण,
ह्रदय घाव क्षण भर में भर देती है मुस्कान,
जीवन को स्वर्ग कर देती है मुस्कान।
अनमोल उपहार होती है मुस्कान।
आखिर क्यों बनते हो तुम पीर का कारण?
मुस्कान से भर दो प्रकृति का कण-कण ।
क्योंकि जीवन की जान होती है मुस्कान,
आशाओं का जहान होती है मुस्कान।
अनमोल उपहार होती है मुस्कान ।
प्रीति चौधरी "मनोरमा"
जनपद बुलंदशहर
उत्तर प्रदेश
मौलिक एवं अप्रकाशित
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